भारत भाग्य दारी मौर्चा
“आदर्श संग्राम पार्टी” जो वर्तमान भारत में एक क्रांति के रूप में हैं। और हर मध्यमवर्ग परिवारो व किसानो के दिल की आवाज है। मैं (आ स पा ) “आदर्श संग्राम पार्टी” का संस्थापक एव अध्यक्ष होने के नाते और सर्वप्रथम एक मध्यम वर्गीय परिवार का भारतीय नागरिक होने के नाते राष्ट्र की जनता के हित में देश के हर मध्यम वर्गीय शहरी व ग्रामीणों की आवाज बनकर उनका दर्द बया करते हुए देश के हर राजनैतिक व समाजिक मंचो पर (मिडिल क्लास) भारतीयों की स्थिति को प्रस्तुत करता हूं। साथ ही मुखर होकर आप सभी की समस्याओं पर बात करता हूं हर उस बात पर जिस पर एक आम मध्यम वर्गीय भारतीय नागरिक बात करने से संकोच करता है। और इसी कारण हमेशा राजनेताओं व नौकरशाहों की गलत नीतियों व आचरण का बेवजह शिकार होता रहता है। हम सबकी कई प्रकार की छोटी व सामान्य समस्याएं हैं जोकि कभी अच्छी रोटी (खाना ), कभी कपड़ा (बेहतर रहन सहन), कभी मकान (शहर व गांव में अपना एक घर), कभी बेहतर शिक्षा (बच्चों के लिए बेहतर वाह गुणवत्ता वाली सस्ती शिक्षा) व कभी स्वास्थ (खुद को वाह अपनों को जिंदा रखने की जद्दोजहद) की पूर्ति के लिए अपना सारा जीवन डिप्रेशन में गुजार देते हैं। और हर बार चुनाव आते आते अपनी सभी समस्याओं को भूल कर धर्म व जाति के नाम पर वोट करना शुरू कर देते हैं और यह सोच कर खुश होते हैं कि देश में बदलाव होगा। पर ध्यान रहे ! एक कहावत कही गई है। कि जब बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से आए! मेरा मतलब जब आप अपनी जाति व धर्म का नेता देखकर वोट डालते हो तो फिर वह नेता जाति व धर्म पर ही बात करेगा। मगर अगर आपने कभी भी रोटी,कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, महंगाई व अन्य समस्याओं पर बात नही करा होता तो वह आपको उन सवालों के जवाब देने का हक नहीं रखता। क्योंकि आपने तो उसको जाति व धर्म के नाते चुनकर देश के सदनों में पहुंचाया है। और ऐसे सांसद, विधायक, पार्षद व चेयरमैन आदि किसी भी मध्यम वर्ग की शहरी व ग्रामीण समस्या के लिए क्यों काम करें? क्योंकि वोट डालने से पहले आपने उनसे इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए बात नहीं करा। इसलिए पिछली वाह वर्तमान सत्ता वाले नेता मध्यम वर्ग की समस्या को भला क्यों समझेंगे।
वंदे मातरम! जय हिंद!! जय भीम!! जय हिंद । जय आदर्श संग्राम।।
हमारी आदर्श संग्राम पार्टी ऐसे ही नेताओं को आप सबके लिए तैयार कर रही है। जिसमें महिला व युवा पीढ़ी का विशेष नेतृत्व है और अनुभवी बुद्धिजीवी व वरिष्ठ लोगों का भी संरक्षण लेकर अपना कार्य लगातार कर रही है।
अगर मुझको जानना हो तो अपने घर के उस सदस्य की कल्पना करे जो रात दिन आपके पूरे परिवार का हित तो करता है पर बदले में कुछ नही चाहता ,पर फिरभी उसको सभी की खरी खोटी सुन्ना पड़ता है पर आपके लिये कर्तव्य व प्यार कम नही होता। बस आपसभी का गौतम भारती ऐसा ही है। देश सेवा के लिए अपनी नोकरी। छोड़ी दुनिया के ताने सुने पर मध्यमवर्ग के कल्याण के लिए किसी माध्यम वर्ग के नागरिक को कुर्बानी तो देनी थी सो मैने खुद को पूरे देशवाशियों के लिए सही समझा अपना जीवन देश की करोड़ो मध्यमवर्गीय जनता के हवाले कर दिया।